रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 5 पर एक अज्ञात व्यक्ति ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। एक घंटे तक शव पटरियों पर पड़ा रहा। पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे। फिर पुलिसकर्मियों ने कचरा बीनने वाले बारह साल के बालक को रुपए का लालच देकर कटा शव उठवा लिया। सिर और क्षत-विक्षत शव के टुकड़े एकत्रित करवाने के बाद पुलिसकर्मियों ने उसे धमकाकर चलता कर दिया।
आईजी रेलवे ने इस मामले में जीआरपी के एक हवलदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जाँच के आदेश दे दिए हैं। घटना सोमवार दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे हुई। मालवा एक्सप्रेस ट्रेन रवाना हुई तभी एक व्यक्ति ट्रेन के सामने कूद पड़ा। उसकी शाम तक शिनाख्त नहीं हो सकी।यात्रियों ने रेलवे पुलिस को जानकारी दी। आधा घंटे बाद हवलदार अशोक यादव कुछ पुलिसकर्मियों को लेकर पहुँचे, लेकिन शव को पटरियों से हटाया नहीं गया। प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री बार-बार पुलिसकर्मियों से शव हटाने के लिए कहते रहे। सफाई कर्मचारियों की पुकार रेलवे अनाउंसमेंट सिस्टम पर भी होती रही, लेकिन कोई कर्मचारी नहीं आया।
फिरोज को दिया रुपयों का लालच : हवलदार यादव ने स्टेशन पर पानी की खाली बोतलें बीनने का काम करने वाले बारह साल के बालक फिरोज पिता शेख रईस निवासी महू को रुपयों का लालच देकर मृतक की गर्दन पटरियों से हटाने के लिए राजी किया।
फिरोज ने बताया कि यादव ने उससे कहा कि अगर वह पटरियों से कटा सर हटा देगा तो वे उसे मृतक की जेब से मिलने वाले रुपए के अलावा सौ रुपए अलग से देंगे। मासूम ने कटी गर्दन उठाई और पटरियों के एक ओर रख दी। काम करने के बाद जब उसने रुपए माँगे तो पुलिसकर्मियों ने उसे धमकाकर भगा दिया।
जब मीडियाकर्मी रेलवे थाना प्रभारी संधू से मिलने पहुँचे तो उन्होंने कहा कि वे जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम लाश उठाना नहीं है। यह काम सफाई कर्मचारियों का है।
4 टिप्पणियां:
जहाँ लिखा है - आपका स्वागत है - हर्दिक के स्थान पर हार्दिक करें श्रीमान
aap log sikke ka kewal aik hi pahloo dehk rahi hain , haiwan to ye 12 bachha hai jo 100 rs. ke lalach me kata hua sar uthane ko tayar ho gaya ,agar ise 1000 rs. ka lalach diya jata to ye kisi ka sar kaat bhi deta.......
Sharm aani chaaiye aise police walo ko...
doob maro kahin jaa ke...
एक शर्मनाक कृत्य है ये , इसके लिए पुलिस वालों पर कार्यवाही करनी चाहिए और ड्यूटी में तत्परता से विमुख होने के लिए केस दर्ज होना चाहिए.
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