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शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

‘टाइगर पटौदी’ के निधन से बॉल‍ीवुड भी गमगीन

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और ‘टाइगर पटौदी’ के नाम से मशहूर नवाब मंसूर अली खान पटौदी के निधन पर बॉलीवुड की जानी-मानी हस्तियों ने गहरा दु:ख जताया है।
नवाब पटौदी के परिवार में उनकी पत्नी शर्मिला टैगोर, बेटा बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान, बेटियां सबा अली खान और अभिनेत्री सोहा अली खान हैं ।

पटौदी की पत्नी शर्मिला के साथ ‘चुपके चुपके’ और ‘विरुद्ध’ जैसी फिल्मों में काम करने वाले हिंदी फिल्म जगत के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, ‘दु:खद खबर। टाइगर पटौदी का निधन हो गया।'

गीतकार प्रसून जोशी ने कहा कुछ समय पहले मैं उनसे मिला था क्योंकि मैं शर्मिला जी के काफी नजदीक था । हमने उनके साथ कई बार बातचीत की थी। यह एक अपूर्णयीय क्षति है। मैं स्तब्ध हूं। भगवान उनकी रूह को शांति दे।
मशहूर फिल्मकार मधुर भंडारकर ने लिखा, ‘नवाब पटौदी के निधन की खबर सुनकर बहुत दु:खी हूं। एक युग का अंत हो गया।'

अभिनेता अरबाज खान ने लिखा, ‘पटौदी साहब के निधन पर बहुत दु:खी हूं। वह भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक थे।’

चर्चित फिल्मकार शेखर कपूर ने कहा, ‘टाइगर हमें छोड़कर चले गए। वह दुनिया के सबसे साहसी क्रिकेटरों में से एक थे। उन्होंने एक आंख के खराब हो जाने के बावजूद विश्व के सबसे तेज गेंदबाजों का सामना किया।
नवाब पटौदी का दिल्ली में निधन
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे युवा कप्तान रहे नवाब मंसूर अली खान पटौदी का गुरुवार की शाम निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। फेफड़े के संक्रमण के कारण वे कई दिनों से गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे और यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली। नवाब पटौदी का जन्म 5 जनवरी 1941 को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ था। वे पटौदी रियासत के 9वें और अंतिम नवाब थे। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को 12 बजे गुड़गांव में किया जाएगा।

मशहूर अदाकारा और सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष रह चुकीं शर्मीला टैगोर से उनका विवाह हुआ था और बेटा सैफ अली खान के साथ ही बेटी सोहा अली खान बॉलीवुड में अपनी पहचान बना चुकी हैं।

नवाब पटौदी भारतीय टीम के सबसे युवा कप्तान रहे। उन्होंने टीम का नेतृत्व केवल 21 बरस की उम्र किया था। वे 1962 में कप्तानी संभाली और 40 टेस्ट मैचों में वे टीम की अगुआई करते रहे। पटौदी की कप्तानी में भारत ने 9 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की।

क्रिकेट की दुनिया में 'टाइगर' से नाम सेमशहूर रहे पटौदी ने अपने करियर में कुल 46 टेस्ट मैच खेले और 2793 रन बनाए। अपने क्रिकेट करियर में उन्होंने 16 अर्धशतक भी लगाए थे। उन्होंने क्रिकेट करियर का अंतिम टेस्ट 1975 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। वे 1993 से 1996 तक आईसीसी के मैच रैफरी भी रहे।

पटौदी को 1964 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया जबकि 1967 में पद्मश्री से नवाजा गया। पटौदी की पढ़ाई वल्हम ब्वॉइज स्कूल देहरादून में हुई थी।


प्रतिक्रिया : नवाब पटौदी के निधन की खबर से सिर्फ क्रिकेट जगत ही नहीं बॉलीवुड भी दु:खी है। पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर ने कहा कि मैंने उन्हें खेलते हुए तो नहीं देखा, सिर्फ उनके 'टाइगर' होने के क्रिकेट किस्से ही सुने हैं। उनके किस्से सुनकर हममें भी नया जोश पैदा होता था। वे भारत के बेहतरीन कप्तान के साथ ही साथ एक बेहतीन इंसान भी थे। मैं चार-पांच बार उनसे मिला तो पाया कि उनमें इंसानियत के कैसे गुण हैं। उन्होंने कभी किसी को निराश नहीं किया।

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