सेहत के लिए जरूरी है सूर्य का सकारात्मक उजाला
जिस घर में सूर्य का प्रकाश नहीं जाता, वहां डॉक्टर जाता है। यह चीनवासियों की मान्यता है। हम जहां रहते है, वहां प्रकाश का महत्व अधिक होता है। अंधेरे कमरे में या जहां सूर्य की रोशनी नहीं आती है, उस घर में कीड़े-मकोड़े व सीलन अधिक रहेगी। वहां पर रहने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा।
यदि सूर्य का प्रकाश घर में आता है तो उसमें रहने वाले उत्साह व ऊर्जावान महसूस करेंगे। जहां तक हो सके प्राकृतिक प्रकाश को महत्व देना चाहिए। दिन के समय प्राकृतिक प्रकाश को रोकने वाले गतिरोध को दूर करना चाहिए यथा खिड़कियों के परदे खुले रहना चाहिए, ताकि घर में ज्यादा से ज्यादा सूर्य की किरणें प्रवेश कर सकें।
जहां तक हो सके घर में कृत्रिम रोशनी को कम से कम रखना चाहिए। हमारे शयन कक्ष में सदैव धीमा लाइट होना चाहिए। यदि शयनकक्ष में तेज रोशनी होगी तो हमारे आराम में बाधा डालेगी और नींद नहीं आएगी। शयनकक्ष या आरामकक्ष में हमारे सन्मुख लाइट नहीं होना चाहिए। पढ़ाई का कमरा यदि अलग है तो पढ़ते वक्त आंखों पर तेज रोशनी नहीं होना चाहिए, नहीं तो हमें पढ़ने में बाधा पहुंचेगी और नींद आने लगेगी। पढ़ाई के रूप में किताबों पर न अधिक न कम रोशनी पड़ना चाहिए।
फेंगशुई का संबंध मोमबत्तियों को दिखाने की जगह उनका इस्तेमाल करना चाहिए। मोमबत्ती की रोशनी ही पूरे कमरे में ऊर्जा का प्रभाव करती है। इस प्रकार हम जिस कमरे में रोशनी चाहते हैं, उसमें तेज रोशनी के बजाय हल्की रोशनी होना चाहिए।
घर में प्रत्येक कमरे में अधिक से अधिक प्राकृतिक प्रकाश को लाने का प्रबंध करना चाहिए। इसके लिए खिड़कियां व वेंटिलेटर प्रमुख सहायक होते हैं। अतः मकान बनते वक्त इस बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सुबह की प्राकृतिक रोशनी लाभदायक होती है। शाम को आराम के वक्त तेज रोशनी से बचना चाहिए। इस प्रकार आप अपनी व्यवस्था कर ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग कर लाभान्वित हो सकते हैं।
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