इन तस्वीरों को देखकर पता चलता है कि ये युवा किस तरह खतरा मोल लेकर इन सैकड़ों फीट ऊंची इमारतों के मुहाने पर चलते हैं। उनके पास किसी तरह के सुरक्षा साधन भी नहीं होते हैं। मारैट कहते हैं कि जब मैं छत पर पहुंच जाता हूं तो मुझे लगता है सारी दुनिया मेरे कदमों के नीचे है। मेरी सारी परेशानियां कहीं नीचे ही छूट जाती हैं। इस ऊंचाई से अपने शहर के नजारे देखना मुझे अच्छा लगता है। यहां मुझे एक नई ऊर्जा मिलती है और मैं जोश में नए शॉट्स लेता हूं।
मारैट बताते हैं कि सही कैमरा मिलने के बाद वे सबसे पहले एक दोस्त के साथ 33 मंजिला इमारत पर चढ़े और तस्वीरें लीं और ये सिलसिला चल पड़ा। इसके लिए वे कई बार बिल्डिंग्स के सुरक्षा गार्डस को भी धोखा देकर ऊपर चढ़ते हैं।
1 टिप्पणी:
अजय भाई आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो इन महाशय से परिचय कराया यदि आप कि अनुमति हो मै इन छवियों का प्रयोग करना चाहता हूं....
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