किसी से प्यार होना सुखद एहसास हो सकता है, लेकिन अगली बार जब आप अपने 'स्वीट हार्ट' को मिस करें, तो सीधे डॉक्टर के पास जाइए। चौंक गए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्यार में दीवानापन गंभीर मानसिक विकार का रूप ले सकता है और इनके परिणाम भी काफी घातक हो सकते हैं।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार लवेरिया किसी भी अन्य बीमारी जैसा ही है और आवश्यकता है कि इसके बारे में अवेयरनेस फैले तथा इसका सही इलाज हो। इसके शुरूआती लक्षण हैं- गिफ्ट खरीदना या डेटिंग से पहले फोन आदि का इंतजार करना। लोग इन लक्षण को प्यार का खुमार मानते हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता कि ये संकेत आने वाली किसी गंभीर बीमारी के हो सकते हैं।
'द साइकोलॉजिस्ट' मैग्जिन में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार डॉ. टॉलिस मानते हैं कि एडवांस स्टडीज् से पता चलता है कि प्रेम रोग को एक बार फिर मेडिकल साईंस के दायरे में लाए जाने की जरूरत है।
इसके लक्षणों में शामिल हैं सेल्फ अटैचमेंट, डिप्रेशन,ईगो,मूडी होना और अकेलापन। और परिणाम है नींद उड़ना और आंसू बहाना। साथ ही फोन का इंतजार या टेक्स्ट मैसेज व ई-मेल को बार-बार चैक करने की ललक।
लवेरिया एकतरफा भी हो सकता है और दोनों तरफ से भी। एकतरफा लव में सामने वाले को इस बात का अहसास नहीं होता कि कोई उसे प्रेम करता है या करती है। प्रेम करने वाले में इतना साहस नहीं होता कि वह ढाई अक्षर प्रेम के अपनी जुबां पर ला सके। उसका वन साइडेड लव कभी परवान नहीं चढ़ता, लेकिन उसे 'देवदास' जैसा अवश्य बना देता है।
उसका किसी काम में मन नहीं लगता। पढ़ाई-लिखाई में वह पिछड़ जाता है जिसका असर उसके करियर पर पड़ता है। वह गुमसुम हो जाता है। किसी से मिलने-जुलने की इच्छा नहीं होती। उसमें इंफिरियोरिटी कॉम्प्लैक्स घर कर जाता है।
प्रेम में धोखा खाए प्रेमी के हाथ जब कुछ नहीं लगता तो वह डिप्रेशन में चला जाता है। वह जीवन से निराश हो जाता है तथा आत्महत्या का प्रयास भी कर सकता है।
वैसे भी जब कोई लड़का या लड़की आपस में सोसाइटी की नजर से बचकर मिलते हैं तो उनमें टेंशन, घबराहट और बैचेनी होती है जिससे उनके दिल की धड़कनें भी बढ़ जाती हैं। कई का तो ब्लड प्रेशर भी हाई हो जाता है। यह सब लवेरिया का ही नतीजा है।
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