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बुधवार, 24 अगस्त 2011

लंदन में ध्यानचंद के नाम पर हॉकी पिच

 
लंदन में भारतीय जिमखाना क्लब में 2 लाख 50 हजार पाउंड की लागत से बिछाई गई एक नई एस्ट्रो टर्फ हॉकी पिच का नामकरण हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के नाम पर किया गया है।

दुनिया के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी माने जाने वाले महान सेंटर फारवर्ड मेजर ध्यानचंद को गोल करने की उनकी क्षमता के कारण जाना जाता है। वह तीन ओलिम्पिक (1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजिल्स 1936 बर्लिन) में स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा रहे। उन्हें 1956 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया था।

नई पिच के उद्घाटन समारोह में जिमखाना क्लब के अध्यक्ष प्रोफेसर नट पुरी ने कहा, ‘यह पिच क्लब में बेहतर सुविधायें प्रदान करने की दिशा में एक और कदम है।’

क्लब के उपाध्यक्ष लार्ड गुलाम नून ने कहा कि जिमखाना में 20 स्टूडियो रूम और बनाने होंगे ताकि बाहर से आने वाले खिलाड़ी वहां ठहर सकें।
ध्यानचंद के छोटे भाई रूप सिंह ने भी भारत के लिए हॉकी खेली। उनके पिता समेश्वर दत्त सिंह भारतीय सेना में थे और सेना के लिए हॉकी खेलते थे।

ध्यानचंद 1922 में 16 बरस की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हुए। रेजिमेंट में अनौपचारिक मैचों में उनकी ड्रिबलिंग देखकर सूबेदार मेजर बाले तिवारी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। तिवारी बाद में उनके मेंटर बन गए और उनकी हाकी की तकनीकों को तराशा।

ध्यानचंद के समकालीन रहे अजित सिंह सिद्धू ने उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हाकी खिलाड़ी बताया। क्लब के सचिव स्वतंत्र सोनी ने कहा कि 10 साल की पुर्नभुगतान योजना के तहत क्लब ने सदस्यों से ढाई लाख पाउंड जुटाए।

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