| जब तक मरीज अस्पताल में जिंदा रहता है तब तक डॉक्टर भगवान लगता है। मरीज के मरते ही वही डॉक्टर यमराज लगने लगता है।
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| नकली कीटनाशकों की वजह से लाखों कीटों की जान बच गई और उन्होंने दवा बेचने वालों को थैंक्यू तक नहीं कहा। क्योंकि कीटनाशक बिना बिल के खरीदा गया था और कीटों को विक्रेता का पता नहीं मालूम था। |
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| देश में चिल्लर की कमी से निबटा जा सकता है अगर सरकार ग्यारह, बारह एवं पंद्रह रुपए के नोट भी छापने लगे। |
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| पॉलिटिक्स में जिधर नजर उठाकर देखो कचरा ही कचरा है। यह कचरा कभी कम नहीं होता क्योंकि यहाँ कोई कचरे का िडब्बा ही नहीं है। |
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| नामचीन नेताओं पर फेंके गए जूते कभी कचरे के डिब्बे का मुँह नहीं देखेंगे क्योंकि उन्हें तो म्युजियम में रखा जाएगा। |
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| जेड प्लस सुरक्षा को ही सबसे अच्छी सुरक्षा क्यों माना जाता है। ए- प्लस को क्यों नहीं? क्योंकि सबसे अच्छी ए-प्लस सुरक्षा सरकार दे ही नहीं सकती। उसे तो केवल भगवान ही दे सकते हैं।
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| आजकल हवा किधर बह रही है? फूल्ली फालतू जवाब - आजकल हवा मंदिरों की और बह रही है। |
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| क्या आप जानते हैं ? कचरा भी कचरे को खींचता हैं। और हाँ, यह जानकारी जो अभी आप पढ़ रहे थे एकदम कचरा है। |
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| बारिश कम हो रही है और फिर भी अपराध बढ़ रहे हैं, क्यों? क्योंकि अपराध के बीज बिना बारिश के अंकुरित होते हैं। |
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| - पुराने लोग रूखी-सूखी खाकर जी लिया करते थे। - आजकल के लोग रूखी खा लेते हैं मगर सूखी नहीं। |
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| कमल कहाँ खिलता है? - कमल कीचड़ में नहीं खिलता है, वह तो बेचारा कीचड़ में जाकर फँस गया है।
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| क्या तुम बता सकते हो कि हवलदार बड़ा कि मंत्री का बेटा हवलदार (जब तक कि उसे मंत्री के बेटे का परिचय नहीं मिल जाता)। |
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| असली और नकली का फर्क बताओ? असली को दुनिया से कभी समाप्त नहीं किया जा सकेगा। असली न रहा तो फिर नकल किसकी होगी ? |
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| 'नेकी कर दरिया में डाल' कहावत को अब बदलकर 'नेकी कर कचरे में डाल' कर देना चाहिए। आदमी के पास पीने को पानी नहीं है, दरिया कहाँ से आएगा।
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| बिल्ली का बच्चा गाड़ी के नीचे आने वाला हो तो ये देखकर वो क्या बोलेगी? जवाब : म्याऊँ, म्याऊँ! क्या बिल्ली इसके अलावा कुछ और बोल सकती है। |
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| यदि आप हमें आदेश करें तो प्रेम का हम श्रीगणेश करें प्रिये प्राणेश्वरी.... (हम, तुम और वो) 2. अरे रफ्ता-रफ्ता देखो आँख मेरी लड़ी है... (कहानी किस्मत की)
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| लातों के भूत बातों से नहीं मानते! - क्योंकि लातों के साथ जूते/चप्पल भी होते हैं जबकि बातों के साथ नहीं होती। |
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| प्रश्न - कोई भी सरदारजी 12 बजे कौन-सी फिल्म देखना पसंद करेगा? .... उत्तर - वक्त हमारा है। |
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सवाल- एक आदमी सुबह-सुबह कटोरी और चम्मच लेकर कहाँ जा रहा होगा? जवाब- अरे भई ! कितना आसान है हवा खाने के लिए। हा ! हा ! हा ! हा ! ज्यादा मत हँसो, नहीं तो पागल हो जाओगे। |
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