एलियन उन जीवों को कहा जाता है, जो धरती के बाहर किसी ग्रह में रहते हैं। हालांकि, वे किस ग्रह में रहते हैं और तकनीकी रूप से कितने सक्षम हैं, इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। देश में ऋषि और महर्षियों ने अपने दिव्य ज्ञान से हजारों वर्षो पूर्व ही बता दिया था कि धरती जैसे अन्य ग्रह हैं, जहां जीवन मौजूद है। अपनी आकाशगंगा मिल्कीवे जैसी ही हजारों आकाशगंगाएं हैं।
वहीं, आज के दौर में प्रतिष्ठित भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिन्स ने भी इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि एलियन से संपर्क करना खतरनाक हो सकता है। वे तकनीकी रूप से हमसे अधिक सक्षम हैं। जिस प्रकार से हम एलियन के बारे में जानने के लिए दूसरे ग्रहों पर जाने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे ही एलियन भी हमारी धरती पर आ रहे हैं, हमारे ग्रह के जीवों के बारे में जानने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या होता है यूएफओ
अनआइडेंटीफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट यानी ऐसी उड़ने वाली चीज जिसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, उसे यूएफओ कहते हैं। इनके देखे जाने के ज्यादातर मामले द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान के हैं। अधिकतर देखने वालों ने इस बात की पुष्टि की कि यूएफओ गोलाकार उड़नतश्तरी थी।
अमेरिका और रूस जैसे विकसित देशों की सरकारों ने सैन्य परिपेक्ष्य से इनकी जांच करने के आदेश दिए। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में बताया कि कुछ यूएफओ के देखे जाने की बात सही है। कई बार यूएफओ और एलियन के देखे जाने व उनके पकड़े जाने की खबरें एरिया-51 से मिली हैं। मगर, इसके बारे में एरिया-५१ और अमेरिकी सरकार की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया।
क्या है एरिया-51अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्र नेवादा में स्थित एरिया-51 वायुसेना का सैन्य बेस है। इस बेस को बनाने का उद्देश्य प्रायोगिक एयरक्राफ्ट और वेपन सिस्टम को विकसित करना और उनका परीक्षण करना है। इस क्षेत्र के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण अक्सर यहां षड्यंत्र की रणनीति बनने और यूएफओ की कहानियों के सवाल पैदा होते हैं।
कई लोगों का दावा है कि सामरिक महत्व के हथियारों और विमानों के निर्माण के अलावा यहां के रूसवेल में क्रैश हुए एलियन्स के अंतरिक्षयानों का परीक्षण किया जाता है। जीवित या मृत अवस्था में मिले एलियन्स का अध्ययन और उनके विमान किस तकनीक से बने हैं, इसके बारे में जानकारी हासिल की जाती है।
भेज रहे हैं संदेश
सैद्धांतिक रूप से कहा जाता है कि यदि अंतरिक्ष में कोई जीवन है और वे तकनीकी रूप से सक्षम हैं तो वे संदेश भेज रहे होंगे। हालांकि, अभी तक किसी भी मानवीय प्रणाली से इसके बारे में पता नहीं लगाया जा सका है। सामान्यतौर पर गहरे अंतरिक्ष में कोई सिग्नल भेजने या प्राप्त करने में वर्षो का समय लग सकता है। इसलिए हो सकता है कि जिन सिग्नलों को धरती से भेजा जा रहा है, उन्हें एलियन किसी दिन रिसीव कर सकें। या उनके द्वारा भेजे गए सिग्नल हमें मिल सकें। फिर भी क्या कभी एलियन के साथ इंसान की बात और मुलाकात संभव हो सकेगी। यदि हां तो कहीं वे हमारे लिए खतरनाक तो नहीं होंगे जैसा स्टीफन हॉकिन्स का मानना है, यह तो वक्त ही बताएगा। 37 एलियंस से संबंधित वीडियो गेम्स बन चुके हैं अब तक, जिन्हें एलियन फ्रेंचाइजी का आधिकारिक लाइसेंस मिला है।
एलियन पर बनी फिल्में
एलियन और यूएफओ लोगों के बीच हमेशा से ही कौतूहल का विषय रहा है। सबसे पहले 1979 में रिडले स्कॉट ने एलियन फिल्म बनाई थी। यह साइंटिफिक फिक्शन वाली हॉरर फिल्म थी। इसके बाद इस फिल्म का सीक्वल 1986 में एलियन्स के नाम से बना, जिसका निर्देशन जेम्स कैमरन ने किया। तब से अब तक एलियन विषय पर कई फिल्में बन चुकी हैं। बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं रहा है। राकेश रोशन के निर्देशन में 2003 में ‘कोई मिल गया’ फिल्म बनी थी। इसमें जादू नाम के एलियन को रितिक के दोस्त के रूप में दिखाया गया था। मानसिक रूप से कमजोर रितिक के सिर पर जादू के हाथ फेरने के बाद से उसका दिमाग काफी तेज हो गया। फिल्म में सूरज की धूप को जादू का भोजन बताया गया था। 1982 में एलियन फ्रेंचाइजी का पहला वीडियो गेम रिलीज हुआ था। यह १९७९ में बनी हॉलीवुड फिल्म एलियन पर आधारित था।
जिन लोगों ने किया दावा
एविएशन जर्नल डेली रिकॉर्ड के एडीटर और पायलट जॉन एच जेनसीन ने 10 जुलाई 1947 को न्यूजर्सी के मरिस्टोन एयरपोर्ट से उड़ान के दौरान 6 चमकदार गोलाकार क्राफ्ट को उड़ते हुए देखा।
उन्होंने अपने कैमरे से इसे कैद किया। पिक्चर की गुणवत्ता सही न होने के कारण बाद में ये सवाल उठाए गए कि वे छह क्राफ्ट थे या एक ही क्राफ्ट था, जिसमें छह लाइट जल रहीं थीं। दूसरी बार उन्होंने यूएफओ को 23 जुलाई को देखा, जो उनके जहाज के ठीक ऊपर था। इस दौरान उनके प्लेन का स्पीडोमीटर क् स्पीड दिखा रहा था।
इसके अलावा सेवानिवृत्त अमेरिकी सैन्य अधिकारी कर्नल फिलिप जे कार्सो ने दावा किया कि उन्होंने 1947 में रूसवेल मलबे से मृत एलियन को बरामद किया। उन्होंने प्रसिद्ध न्यू मैक्सिको क्रैश की पूरी जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि न्यू मैक्सिको में मिला मलबा किसी गुब्बारे का नहीं है।
यह एक अंतरिक्षयान है। कार्सो के दावे के बारे में जानकारी उनकी किताब ‘द डे ऑफ्टर रूसवेल’ से मिलती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस घटना को इसलिए दबा दिया गया क्योंकि वे इसे छुपाना चाहते थे।
यूएस एयरफोर्स की रिपोर्ट
कई मामलों में लोगों ने सामान्य एयरक्राफ्ट, गुब्बारों, एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जेक्ट्स को गलती से यूएफओ मान लिया। जबकि कुछ मामलों में यूएफओ को देखे जाने की बात पूरी तरह से गलत थी। फिर भी यदि इन सभी मामलों को देखें तो 5 से 20 फीसदी घटनाओं को समझाया नहीं जा सका है कि लोगों ने जो चीज देखी थी वह वास्तव में क्या था। एस बारे में गुप्त रूप से जांच कर रही अमेरिका की वायुसेना के दस्तावेज में 1947 से 1969 तक की घटनाओं का जिक्र है। इन वर्षो के दौरान 12,618 बार यूएफओ के देखे जाने की पुष्टि की गई है। इसमें से 701 मामले में यह नहीं बताया जा सका कि जो चीज हवा में उड़ती हुई दिखी थी, वह क्या थी।
एलियन की वैज्ञानिक खोज
वैज्ञानिक सोलर सिस्टम में एककोशकीय जीवों के सबूतों की खोज के लिए मंगल और चंद्रमा की सतह का अध्ययन कर रहे हैं। बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा में भी जीवन की खोज के लिए एक अभियान शुरु करने का प्रस्ताव है। यहां सतह के नीचे जल के होने की संभावना है, जहां जीवन हो सकता है। इस बात के भी थोड़े सबूत हैं कि मंगल ग्रह पर सूक्ष्म जीव हैं। हालांकि, फरवरी २क्क्५ में नासा के दो वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि उन्होंने मंगल ग्रह पर जीवन के मजबूत सबूत पाए हैं।
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