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मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

प्रदेश का सबसे बड़ा शहर अब हो जाएगा और 'बड़ा'


इंदौर. प्रदेश का सबसे बड़ा शहर और बड़ा होने जा रहा है। जो तैयारियां चल रही हैं उसके हिसाब से आने वाले समय में मौजूदा इंदौर का आकार दोगुना से भी ज्यादा होगा। यह बदलाव 35 साल बाद हो रहा है।

इस दफे 29 गांवों को जोड़ने की तैयारी चल रही है जिसके लिए सरकार भी जल्दी में है। यही कारण है कि सरकार से मिले आदेश के बाद निगम को सीमा वृद्धि से जुड़े तमाम दस्तावेज एक अफसर के हाथों सोमवार दोपहर में ही भोपाल पहुंचाने पड़े।

निगम की सीमा में वृद्धि की कोशिशें वैसे तो 2006 से चल रही हैं लेकिन सरकार की दिलचस्पी के अभाव के कारण मामला छह साल तक कमोबेश ठंडे बस्ते में ही पड़ा रहा। फाइल किस गति से आगे बढ़ी इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है।

निगम ने 16 मई 2006 को गांवों को निगम सीमा में शामिल किए जाने का निर्णय लिया था लेकिन 18 महीने बाद 9 जनवरी 2008 को महापौर परिषद ने पहले चरण में 27 में से केवल 16 गांवों को ही निगम सीमा में शामिल किए जाने की मंजूरी दी। इस मंजूरी के सवा तीन साल बाद बाद 4 मई 2011 को संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने निगम को सीमा वृद्धि से जुड़ा प्रस्ताव और अधिसूचना का प्रारूप भिजवाने की चिट्ठी भेजी।

निगम ने प्रस्ताव के साथ अपनी ओर से लिखा कि शामिल किए जाने वाले प्रस्तावित क्षेत्र नगरीय सीमा से जुड़े हैं। पंचायतों द्वारा दी जा रही अनुज्ञाओं और वहां हो रहे अनियोजित विकास के कारण भविष्य की महानगरीय विकास स्तर की सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।

इसके बाद 27 अगस्त को जिला योजना समिति की बैठक में सीमा वृद्धि का प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। इस बीच 23 ग्राम पंचायतों के 27 गांवों के प्रस्ताव के बजाय सभी 29 गांवों को निगम सीमा में शामिल किए जाए का विचार हुआ। महानगरीय विकास स्तर की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए निगम ने पिछली एमआईसी में छूटे दो गांवों को और निगम सीमा में शामिल करने को लेकर मंजूरी दे दी।

1975 में शामिल हुए थे 11 गांव

आज से 35 साल पहले 1975 में नगर निगम सीमा में वृद्धि के प्रस्ताव पर सरकार ने मुहर लगाई थी। उस वक्त 11 गांवों को इंदौर में शामिल किया गया था। सपनों के शहर को उम्मीदों के पंख लगाने के लिए सरकार स्तर से अब आसपास के 29 गांवों को जोड़ने के लिए दिलचस्पी दिखाई जा रही है।

19 गांव शामिल हैं अभी शहर में- वर्तमान में निगम की सीमा में 19 गांव आते हैं। इनमें नरवल, कबीर खेड़ी, निरंजनपुर, सुखल्या, भमोरी, भागीरथपुरा, खजरानी, पलासिया हाना, खजराना, पिपल्या हाना, मूसाखेड़ी, चितावद, पीपल्याराव, बिजलपुर, तेजपुर गड़बड़ी, सिरपुर, सुलकाखेड़ी, गाडराखेड़ी और बाणगंगा शामिल हैं।

शहर में जुड़ने वाले नए 29 गांव- निपानिया, पिपल्याकुमार, कनाड़िया, टिगरिया राव, बिचौली हप्सी, बिचौली मर्दाना, मुंडला नायता, पालदा, लिम्बोदी, बिलावली, फतनखेड़ी, कैलोद करताल, निहालपुरा मुंडी, हुकमाखेड़ी, सुखनिवास, अहीर खेड़ी, छोटा बांगड़दा, टिगरिया बादशाह, रेवती, बरदरी, भौंरासला, कुमेड़ी, भानगढ़, शकरखेड़ी, तलावली चांदा, अरंडिया, मायाखेड़ी, लसुड़िया मोरी और बड़ा बांगड़दा।

2 टिप्‍पणियां:

Dj Ashwani ने कहा…

traffic sudhaar ke dikhao.......

Dj Ashwani ने कहा…

Par traffic nahi sudhrega, koi bhi kahin se bhi ghus aayega