राजकुमार अलवालिद बिन तलाल और उनकी निवेश कंपनी ने कई महीनों की बातचीत के बाद ट्विटर में 30 करोड़ डॉलर का अहम निवेश किया है। अब अलवालिद ट्विटर कंपनी के रणनीतिक हिस्सेदार हो गए हैं, यानी ट्विटर के बड़े फैसले उनके बिना नहीं होंगे।
ट्विटर पर लोग 140 अक्षरों तक के छोटे संदेश भेज सकते हैं। बीते साल ट्यूनीशिया से अरब जगत में क्रांति की शुरुआत हुई। ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने ही अरब वसंत के नाम से मशहूर क्रांति को सुलगाया।
केएससी प्राइवेट इक्विटी एंड इंटरनेशनल इनवेस्टमेंट कंपनी के निदेशक अहमद हलवानी कहते हैं, 'हमें लगता है कि आने वाले सालों में सोशल मीडिया मीडिया उद्योग की तस्वीर बदल देगा। इस सकारात्मक बदलाव पर ट्विटर की पकड़ होगी और इससे पैसा बनेगा।'
यह भी साफ है कि ट्विटर के सहारे सऊदी राजकुमार मीडिया की दिशा निर्धारित करने में भूमिका निभा सकेंगे। जरूरत पड़ने पर वह खास तरह का दबाव भी बना सकेंगे। अरब वसंत ट्यूनीशिया से जरूर शुरू हुआ, लेकिन बाद में वह मिस्र, मोरक्को और लीबिया से होता हुआ सीरिया तक पहुंच गया। सीरिया से सऊदी अरब ज्यादा दूर नहीं है। सऊदी अरब में महिलाओं का एक धड़ा ज्यादा अधिकारों की मांग करने लगा है।
अलवालिद मीडिया एंड टेक्नोलॉजी में भारी निवेश करने के लिए जाने जाते रहे हैं। वह केएचसी के मुख्य शेयरधारक हैं। केएचसी के पास सिटीग्रुप के अहम शेयर हैं। केएचसी एप्पल और रुपर्ट मर्डोक की कंपनी न्यूज कॉर्प में भी शेयर धारक है। अलवालिद एक नया अरबी न्यूज चैनल भी शुरू करने जा रहे हैं। अलअरब नाम के इस चैनल को कतर के न्यूज चैनल अल जजीरा का प्रतिद्वंद्वी कहा जा रहा है। अरब क्षेत्र के प्रभावशाली अखबार अशरक अल अवसात में भी केएसची की भागीदारी है।
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रोचक.
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