कहते हैं सच कड़वा होता है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर पर यह कथन
बिल्कुल सटीक बैठ रहा है। दिल्ली टेस्ट में टीम इंडिया के साथ ऐतिहासिक 4-0
की जीत का जश्न मनाने वाले सचिन का भारत में टेस्ट करियर अब शायद खत्म हो
चुका है।
भले ही खुद तेंडुलकर इस बात को स्वीकार न करें, लेकिन समय का चक्र इसी ओर इशारा कर रहा है।
कभी रन बनाने की मशीन रहे तेंडुलकर आज पिछले दो सालों से एक शतक को
तरस रहे हैं। ऐतिहासिक 100वां इंटरनेशनल सैकड़ा लगाने के बाद उनके बल्ले पर
कुछ ऐसा ब्रेक लगा कि वे 100 के आंकड़े को भूल गए।
तेंडुलकर ने बीते 24 माह में 21 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन इस दौरान
वे एक भी शतक नहीं लगा सके। लिटिल मास्टर ने 8 हाफ सेंचुरी जरूर लगाईं,
जिसमें से वे दो बार नर्वस नाइंटीज का शिकार भी हुए, लेकिन 100 का आंकड़ा
उनसे दूर भागता रहा।
क्रिकेट से जुड़ा कोई भी शख्स तेंडुलकर के संन्यास की चर्चा नहीं करना
चाहता। सबका मानना है कि इसका फैसला तेंडुलकर ही कर सकते हैं। यह बात
वाजिब भी है। पिछले 23 सालों से लगातार क्रिकेट खेल रहे सचिन से बेहतर उनके
करियर के बारे में कोई नहीं बता सकता।
सचिन अभी फिलहाल टेस्ट क्रिकेट भले ही खेलते रहें, लेकिन भारत में उनका टेस्ट करियर लगभग खत्म हो चुका है।
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