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गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

पेंसिल से ऐसे खुद करें अपने रोगों का इलाज


पेंसिल से संभव है दर्द का इलाज जी हां हमारे हथेली में शरीर के हर अंग के लिए एक पाइंट होता है। हथेली के इन पाइन्ट्स में जो पाइन्ट जिस अंग के लिए होता है उसे दबाने पर वहां का दर्द खत्म हो जाता है। उदाहरण के लिए अगर किसी के सिर में दर्द है तो हथेली पर उपस्थित सिरदर्द के पाइंट को दबाने पर दर्द कम होने लगता है। पेंसिल थेरेपी शारीरिक दर्द  और टेंशन को मिटाने की एक आसान पद्धति है।  इस थेरेपी से एक्यूपे्रशर,एक्यूकपंचर, सु-जोक, रेफ़्लेक्सोलोजी, इत्यादि के लाभ मिलते हैं लेकिन इसे सीखना और करना बहुत सरल है। जिनके शरीर में दर्द या तनाव हो उन्हें यह थेरेपी करते समय अपनी उंगली पर दर्द का अनुभव होगा। थेरेपी करने से उन्हें दर्द और तनाव से राहत मिलेगी।
पेंसिल थेरेपी कैसे की जाती है?

बेलनाकार पेंसिल को हाथ और पैर की उँगलियों पर अंगूठे से थोड़े से दबाव के साथ घुमाया जाता है। पेंसिल को उँगलियों के चार साइड और चार कोनों पर घुमाया जाता है। नाखूनों पर पेंसिल नहीं घुमाते हैं। नाखून को छोड़कर बाकी सारी उंगली पर पेंसिल घुमाई जाती है। पेंसिल थेरेपी भोजन के एक घंटा पहले या दो ढाई घंटे बाद की जा सकती है। स्नान के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद भी की जा सकती है।
पेंसिल थेरेपी करने के क्या लाभ है?

पेंसिल थेरेपी करने से दर्द से पीडि़त व्यक्ति को दर्द में राहत मिलती है और मानसिक तनाव ग्रस्त को तनाव से मुक्ति मिलती है। जिस व्यक्ति के शरीर में दर्द न हो उसे हलकापन या स्फूर्ति का एहसास होता है / नई ऊर्जा का संचार हुआ है ऐसा मालूम होता है। कई प्रकार की बीमारियों में पेंसिल थेरेपी से लाभ लिया जा सकता है।
  
यदि कोई डाक्टरी दवा शुरू हो तो उसे बिना अपने डाक्टर के सलाह के बंद नहीं करना चाहिए। पेंसिल थेरेपी करते समय दर्द से पीडि़त व्यक्ति को उंगली में असहनीय दर्द का अनुभव होता है। जिसके शरीर में अधिक दर्द हो उन्हें उंगली पर भी अधिक दर्द होगा और जिनके शरीर में दर्द कम हो उन्हें उंगली पर दर्द कम होगा। स्वस्थ व्यक्ति को सहनीय या साधारण दर्द होता है।

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