tag:blogger.com,1999:blog-8153127060522602763.post2683449174298836748..comments2023-04-20T23:05:37.437+05:30Comments on देश की आशा हिंदी भाषा: वाट इज रॉन्ग इन सोशल नेटवर्किग, कुछ यूं रखी बात...अजय चावड़ाhttp://www.blogger.com/profile/11813342812770720662noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8153127060522602763.post-72279563387584149662011-12-09T08:22:46.326+05:302011-12-09T08:22:46.326+05:30सब कुछ लोगों की मानसिकता पर निर्भर करता है. आज जित...सब कुछ लोगों की मानसिकता पर निर्भर करता है. आज जितनी उन्मुक्त अश्लीलता टीवी और फिल्मों में है, उतनी मुख्यधारा के इन्टरनेट पर बिल्कुल नहीं. हाँ, इन्टरनेट पर अश्लीलता की पराकाष्ठा भी है, परन्तु वह ढकी हुई है. वह ऐसी नहीं जैसे भक्ति चैनलों पर अचानक परफ्यूम के नंगे विज्ञापन का आना.<br />जो लोग सोशल नेटवर्किंग पर अश्लीलता का आरोप लगाकर इसकी आलोचना कर रहे है, वे मेरे फेसबुक पर आएँ. हजारों लोगों के मित्र समूह में आपको अभद्रता की झलक तक नहीं मिलेगी.<br />फेसबुक-<br />www.facebook.com\mangalmayaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/02803999842769211135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8153127060522602763.post-44996094042623169382011-12-09T01:11:32.067+05:302011-12-09T01:11:32.067+05:30अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शालीनता दोनों बनीं रहे...अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शालीनता दोनों बनीं रहें ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com