जिन लोगों को साइनस, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा जैसे रोग होते हैं, उन्हें सावधानीपूर्वक खाने-पीने में परहेज बरतना चाहिए। उन्हें कफवर्धक चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। नीचे लिखी सावधानियों पर अमल कर आप सर्दियों की तकलीफों से खुद को बचा सकते हैं।
अगर आप सुबह सैर के लिए निकलते हैं तो आधा-एक घंटा देर से जाना शुरू करें, ताकि सवेरे की ठंड से बचाव हो सके। हल्की-हल्की गुनगुनी धूप में जाएँ तो भी कोई हर्ज नहीं है। विटामिन-डी का सेवन भी हो जाएगा।
घास पर सीधे या फर्श पर नंगे पैर न घूमें।
अगर आपके बाल गीले हैं तो उन्हें सुखाने के बाद ही टू-व्हीलर पर निकलें।
अलसुबह गर्म पानी जरूर पीएं।
नहाने के लिए ठंडा पानी न लें। गर्म पानी से स्नान करें।
ठंडी हवा सीधे कान में न जाने पाएं, मफलर स्कार्फ आदि से खुद को बचाएं। सिर और छाती भी ढंकी होना चाहिए।
गर्म तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल बढ़ा दें। जैसे गर्म मसाले, अजवाइन, लौंग, जीरा, मैथीदाना, बड़ी इलायची आदि का काढ़ा बनाकर भी पिया जा सकता है।
सुबह-शाम अदरक वाली चाय भी फायदेमंद होती है।
ठंडी और फ्रिज से निकली चीजों को न खाएं तो ज्यादा अच्छा होगा।
खट्टी चीजें जैसे दही और नींबू के साथ ही चावल, पोहे, दूध और देशी घी जैसी चीजों से कफ भी हो सकता है।
इस मौसम में इस्तेमाल करने के लिए नारियल तेल की जगह सरसों का तेल ज्यादा उपयुक्त है। सारे गर्म मसाले सर्दियों में किसी वरदान से कम नहीं होते हैं।
एक तो इनके इस्तेमाल से शरीर को पर्याप्त गर्मी मिलती है और यदि किसी वजह से सर्दी हो जाए तो ये शरीर पर जादुई असर पैदा करते हैं। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
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